आओ जानें- जीत कर सांसद जी को क्या क्या मिलता है ?

आओ जानें-  जीत कर सांसद जी को क्या क्या मिलता है ?

क्या आप जानते हैं कि जीतने के बाद सांसद जी को क्या मिलता है अगर नहीं तो ये लेख आपके लिये है - हमारे देश में चुनावी बिगुल बज चुका हैं। इसलिए आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे कि हमारे द्वारा चुने गये नेताजी (सांसद) की वैध्य रूप से वार्षिक कमाई कितनी हैं? उन्हें प्रतिमाह देश विकास के पुनीत कार्यों को करने हेतु कितना वेतन मिलता हैं? इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने से पहले एनसीआईबी मुख्यालय का आप सबसे अनुरोध हैं कि लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी सहभागिता निभाते हुए राष्टहित में मतदान अवश्य करें। आज इस चुनावी मौसम में यह बात जान लेना हम सबके लिए जरुरी हैं कि आपके द्वारा देश के विकास हेतु चुने गये सांसद जी को हर माह 1 लाख 40 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है। जिसमें फिक्स सैलरी 50, 000+ कंस्टीट्यूटेन्सी अलाउंस 45, 000 + ऑफिस अलाउंस 45,000 शामिल है। इसके अलावा नेता जी को डायरेक्ट एरियर (सालाना) : 3 लाख 80 हजार रु, हवाई सफर भत्ता (सालाना) : 4 लाख 8 हजार रु, रेल सफर भत्ता (सालाना) : 5 हजार रु, पानी भत्ता (सालाना) : 4 हजार रुपए रु, बिजली भत्ता (सालाना) : 4 लाख रु जैसे कई भत्ते शामिल हैं। इस हिसाब से एक सांसद को सैलरी के अलावा करीब 1 लाख 51 हजार 833 रुपए प्रतिमाह यानी 18 लाख 22 हजार रुपए सालाना भत्ता दिया जाता है। अगर फिक्स्ड सैलरी और भत्ते को जोड़ें तो एक सांसद एक महीने में 2,91,833 रुपए वेतन पाता है। यानी देश को एक सांसद सालाना 35 लाख रुपए का पड़ता है। इसमें भी सबसे खास बात ये है कि इनकी सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगता। वहीं इन्हें मिलने वाले भत्ते कई तरह के होते हैं, जिनमें कई सुविधाएं इनके परिवार के लोगों के लिए भी होती हैं। इसमें वाइफ या पार्टनर के लिए 34 फ्री हवाई सफर, अनलिमिटेड ट्रेन का सफर और संसद सत्र के दौरान घर से दिल्ली तक सालाना 8 हवाई सफर भी शामिल हैं। अगर हम बात करें भत्ते में जुड़ी चीजों की तो एक सांसद को 50 हजार यूनिट फ्री बिजली, 1 लाख 70 हजार फ्री कॉल्स, 40 लाख लीटर पानी, रहने के लिए सरकारी बंगला (जिसमें सारे फर्नीचर और एयरकंडीशन, और इनका मेंटेनेंस भी फ्री) शामिल है। इस सबके अलावा इनके सुरक्षा हेतु सिक्युरिटी गार्ड्स, जिंदगीभर की पेंशन, जीवन बीमा और सरकारी गाड़ी, जो सरकार की तरफ से सांसद को मुफ्त दिया जाता है। और अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात कि अपने दुकान/ मकान/ कार्यालय या कम्पनी में कार्यरत 10 से 15 हजार प्रतिमाह वेतन लेने वाले कर्मचारी से हर कोई पूरे महीने के कार्य का हिसाब माँग लेता हैं। परंतु, लाखों रूपये प्रतिमाह वेतन एवं तरह तरह की सुविधाओं को पाने वाले नेताजी से कोई हिसाब नहीं माँगता। जिस दिन जनता सार्वजनिक मंच से अपने नेताजी से हिसाब माँगना चालू कर देगी, उस दिन से हमारे देश में स्वर्ण युग का आरंभ हो जाएगा।

स्रोतNCIB