के0बी0 हिंदी सेवा न्यास की काव्य गोष्ठी सम्पन्न

के0बी0 हिंदी सेवा न्यास की काव्य गोष्ठी सम्पन्न


बिसौली

के0बी0हिंदी सेवा न्यास(पंजी0)की 94 वी मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन न्यास के कार्यालय ब्रहपुरी पिंडारा रोड पर किया गया।
गोष्ठी की अध्यक्षता श्रीपाल शर्मा जी रहे ।मुख्य अथिति श्री अशोक कुमार रहे।शुभारम्भ न्यास अध्यक्ष डॉ0सतीश चंद्र शर्मा 'सुधांशु' एवम मंचसीन अतिथियों द्वारा माँ वाणी के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्पार्पण से हुआ।वाणी वंदना साक्षी शर्मा ने पढ़ी।
अशोक कुमार ने सुनाया-
माँ शारदे तुझको नमन,
आशीष मुझको दीजिये।
शब्द माला बुन सकूँ,
कुछ भाव ऐसे दीजिये।।
श्रीपाल शर्मा जी ने कहा-
कन्हैया की धुन में बहा जा रहा है।
जहाँ श्याम है मन बहाँ जा रहा है।
न्यास अध्यक्ष डॉ0सुधांशु ने सुनाया-
बना हुआ है अखाड़ा,बातों
का गुजरात।
काँग्रेस बतला रही,मोदी को 
औकात।।
साक्षी शर्मा ने कहा-
मुझे अंधेरे से डर नहीं लगता
अंधेरा पाक होता है।
रोशनी से आँखें चुँधिया जाती हैं, अंधेरे में सब साफ होता है।
आशीष शंखधार 'वीर' ने सुनाया-
ढाँचा होते भूखे बच्चे
बंजर पड़े खेत खलिहान।
कैसे दुआ करूँ वारिश की
कच्चा खंडहर खड़ा मकान।
शिवांक शर्मा ने सुनाया-
डॉक्टरों को माना करते सभी लोग भगवान।
पर पैसों के पीछे डॉक्टर बने 
हुए शैतान।
रुद्रांश ने पढ़ा-
जलियांवाला वाला बाग में ऐसा हुआ कमाल।
गये काल के गाल में
भारत माँ के लाल।।
कु0स्तुति शर्मा ने कविता सुनाई-
तितली रानी तितली कौन दे
से आई हो।
रंग बिरंगे पंख तुम्हारे क्या
सन्देशा लाई हो।
 अक्षांश ने सुनाया-
मैं तोता मैं तोता
हरे रंग का हूँ दिखता ।
अथर्व ने सुनाया-
ऐ मालिक तेरे बनदे हम
ऐसे हों हमारे करम।
प्रशांत ने सुनाया-
इतनी शक्ति हमें देना दाता।
मन का विश्वास कमजोर हो ना।।
अध्यक्षीय उद्बोधन के बाद गोष्ठी का समापन किया गया।