पति की दीर्घायु की कामना हेतु सुहागिनों ने रखा करवा चौथ का व्रत।

पति की दीर्घायु की कामना हेतु सुहागिनों ने रखा करवा चौथ का व्रत।

भारत विभिन्न धर्मों की आस्था समेटे तमाम धार्मिक व सांस्कृतिक रस्मों रिवाजों को मानने वाला देश है। इसी लिये इसे त्योहारों व धार्मिक मान्यताओं का देश कहा जाता है। इन्हीं धार्मिक मान्यताओं में करवा चौथ को विशेष महत्व दिया गया है। करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है।

कहा जाता है कि यह व्रत पति की लंबी आयु की कामना के लिए सुहागिनों द्वारा रखा जाता है। इस व्रत में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। और फिर चांद निकलने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं। इसलिए आवश्यक है यह जानना कि इस बार करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, तिथि और चंद्रोदय का समय क्या है ? हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है वही इस बार यह व्रत 1 नवंबर यानि आज के दिन रखा गया है । वहीं, व्रत की तिथि बुधवार के दिन 1 नवंबर को सुबह 6:35 से रात के 8:26 तक रहेगी। कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि की शुरुआत: रात 09:30, 31 अक्टूबर 2023 से कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि की का समापन: रात 09:19, 01 नवंबर 2023 तक पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05:44 – रात 07:02 तक, 01 नवंबर करवा चौथ पर चांद निकालने का समय: रात 08:26, 01 नवंबर करवा चौथ पूजा-विधि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर मंदिर ओर घर की साफ-सफाई करके सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें। करवा चौथ व्रत रखने का संकल्प लें। संध्या के समय शुभ मुहूर्त में व्रत कथा का पाठ करें। फिर चंद्रमा की पूजा करें। चंद्र दर्शन करें और अर्घ्य दें। पति को छलनी से देखकर आरती उतारें। फिर पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत पारण किया जाता है। (धर्माचार्यों से वार्ता उपरांत )