लो आया चुनाव का मौसम या झूठे प्यार का मौसम

लो आया चुनाव का मौसम या झूठे प्यार का मौसम

 उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है मतदान का समय भी नजदीक आ रहा है। लगभग पिछले छः महीनों से सरगर्मियां जोरों पर रही है। जगह जगह गली कूचों में भी अब निकाय चुनाव की बात होने लगी है। सवाल वही पुराना कौन बनेगा चेयरमैन? कौन बनेगा मेंबर ? आरक्षण की स्थिति भी स्पष्ट हो जाने के कारण मैदान छोड़कर भाग जाने वाले भी अब रोज सुबह, दोपहर ,शाम लोगों की खैरियत और हाल चाल बड़े अपने पन् से पूछ रहे है। बाजारों में शाम को राजनीतिक ज्ञानियों का जमाबड़ा शुरू हो चुका है। जहां विश्लेषण कार्य बड़ी जोरों पर चल रहा है।जिसमें कभी कोई जीतता है कभी कोई। यह हाल अकेले चेयरमैन पद का नहीं। मेमबरी का भी है। सत्ताधारी भाजपा में तो ऐसा कोई नगर नहीं है जहां एक दर्जन से कम प्रत्याशियों की लाइन हो। यही हाल वार्डो की राजनीति का भी है। राजनीतिक पार्टियों ने अभी टिकिट को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सबकी निगाह टिकिट वितरण पर लगी हुई हैं। अभी तो दर्जनों प्रत्याशी सुबह दोपहर शाम सलाम ठोक रहे हैं। जिन्हें खुद नहीं पता जाति प्रमाण पत्र किस तरह बनेगा ?आरक्षण होता क्या है? देखा जा रहा है ऐसे लोग भी सभासद का चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे हुए हैं।कुछ तो ऐसे हैंजिन्हें राजनीति की कोई समझ ही नहीं फिर भी ताल ठोक के जमे हुए हैं।खैर कुछ भी हो राजनीति का मौसम बड़ा सुहाना है जिन लोगों से बच बच के चलते थे जिनकी कोई सुनने वाला नहीं था उनके दिन बुहर गए हैं। रोज शहर के जाने-माने चेहरे बड़े अपनेपन से आत्मीय भाव से झुक झुक के सलाम पेश कर रहे है। सुख -दुख का बड़ा ध्यान रख रहे हैं। खैरियत पूछ रहे हैं। चुनाव के मौसम में मौत हो या शादी कुछ भी हो प्रत्याशी कोई मौका नहीं गंवा रहे। और सबसे बड़ी बात तो ये है कि इस् समय कोई प्रत्याशी हिन्दू या मुसलमान नहीं हैं कोई भी किसी धर्म का कट्टर नहीं है। किसी को भी किसी से कोई आपत्ति नहीं है। आज कल सभी सरल ईमानदार निष्पक्ष दिखाई दे रहे हैं। और एक अच्छे इंसान का मुखौटा लगाए हुए अपनी ज़ुबान पर शहद रखे जनता से मृदु भाव से मिल रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिनका सारा ज़हर इस् मौसम में शहद बन चुका है। अभी तक सभी भारी हैं इंतजार है तो बस टिकिट जारी होने का। लेकिन अभी असली पिक्चर बाकी है टिकिट क्लियर होने के बाद राजनीतिक शतरंज की बिसात किस तरह बिछेगी कौन दल बदलू होगा कौन हिंदूवादी और मुस्लिम वादी और कौन अवसर वादी ये सब अभी भविष्य के गर्भ में है।क्योंकि अभी कुछ ऐसे चेहरे भी सामने आने बाकी हैं जो चुनाव में गोपनीय मोहरा बनकर चुनाव की दिशा और दशा बदलने का कार्य करेंगे। बस इसी लिये अभी सुगबुगाहट से काम चल रहा है। हर नगर व वार्ड में प्रेम की हवा चल रही है। हर तरफ सलामो का दौर चल रहा है मोहब्बत की बारिश हो रही है। काश हमारे प्रदेश का और हमारे नगर का हमेशा ऐसा ही रहे ये सुहाना मौसम।

अब्दुल फरीद एडिटर ip news