साहित्य
उठा के सर कभी सर को झुका के-बहुत रोया वो मेरे खत जला के-...
उठा के सर कभी सर को झुका के बहुत रोया वो मेरे खत जला के तखय्यूल में तेरी महफिल सजा के चिराग ए दिल रखा हमने जला के क़रार आये भी कैसे...
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abdul farid idrisi Apr 10, 2022 0 51
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