फूड विभाग के खिलाफ मुखर हुए व्यापारी सौंपा ज्ञापन।
फूड विभाग में विसंगतियों के विरोध में व्यापार मंडल ने किया जोरदार प्रदर्शन कार्यालय पर दिया धरना
बदायूं 16 सितंबर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के तत्वधान में प्रांतीय आह्वाहन पर फूड विभाग द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ प्रदेश युवा अध्यक्ष नवनीत गुप्ता शोंटू जिला महामंत्री संजीव आहूजा,हाजी राशिद सैफी के नेतृत्व में मुख्य कार्यकारी अधिकारी , खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम,नई दिल्ली के नाम संबोधित 18सूत्रीय मांगपत्र सैकड़ों की संख्या में व्यापारियों ने मुखर होते हुए काली पट्टी बांधकर शहर में बाइक रैली निकालते हुए जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रसाधन कार्यालय पहुंच कर जोरदार धरना प्रदर्शन करते हुए सी. एल. यादव अपर आयुक्त (ग्रेड-2), खाद्यय सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को प्रेषित कर निस्तारण की मांग की
मांग पत्र का हवाला देते हुए प्रदेश युवा अध्यक्ष नवनीत गुप्ता शोंटू ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अपर जिला मजिस्ट्रेट आदि को न्याय निर्णयक अधिकारी राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किये गये हैं। तकनीकी जानकार न होने के कारण प्रशासनिक अधिकारी मात्र अधिकतम जुर्माना वसूल करना चाहते हैं वह वाद को गुण दौषों के आधार पर तय करने की इच्छा नहीं रखते। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम (फूड एक्ट) के लिये पूर्णकालिक न्याय निर्णायक अधिकारी की नियुक्ति की जानी आवश्यक है, जिससे व्यापारी को शीघ्र न्याय मिल सके।
जिला अध्यक्ष उद्योग मंच सर्वेश गुप्ता ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के सभी मामलों को अदालतों में भेजा जा रहा है। एक्ट में दी गई धारा-69 के अनुसार अधिकांश मामलों को शमन शुल्क जमा कराकर समाप्त किया जा सकता है। अतः अभिहीत अधिकारी कार्यालय में शमन शुल्क जमा कराने की व्यवस्था लागू की जाए।
प्रदेश मंत्री पवन जैन ने कहा सभी प्रकार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में रजिस्टेªशन के लिए 12 लाख तक के टर्न ओवर की सीमा तय की गई है, परन्तु 12 लाख रूपये की सीमा मंहगाई के हिसाब से बहुत कम है। अतः आपसे अनुरोध है कि 12 लाख टर्न ओवर के स्थान पर 40 लाख वार्षिक टर्न ओवर तक का काम करने वाले व्यापारियों की रजिस्टेªशन की सीमा में रखा जायें।
वरिष्ठ जिला महामंत्री संजीव आहूजा ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में फूड एक्ट का लाइसेंस न पाए जाने पर सजा का प्राविधान खत्म किया जाये। जुर्माना अधिकतम रजिस्टेªशन व लाइसेंस फीस का दोगुना किया जाये।
जिला महामंत्री हाजी राशिद सैफी ने कहा कि खाद्य पदार्थों की पैकिंग की आईटम में रिटेल का व्यापारी कोई मिलावट या कमी नहीं कर सकता है एवं का खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में दिये गये पैकिंग एण्ड लेवलिंग एक्ट के कानूनों को पूरा करने में रिटेल व थोक के व्यापारी का कोई योगदान नहीं है। पैकिंग कम्पनियों द्वारा तैयार कर भेजी जाती है, जिसमें रिटेल का व्यापारी कोई मिलावट या पैकिंग में कोई संशोधन नहीं कर सकता है। न्याय निर्धारण अधिकारी द्वारा कम्पनियों के साथ-साथ रिटेल व थोक के व्यापारियों को भी दण्डित किया जा रहा है।
जिला उपाध्यक्ष नरेश शंखधार ने कहा कि वर्तमान समय में भारी मात्रा में खाद्य पदार्थों का व्यापार ऑनलाइन फूड चेन सप्लाई व मल्टी नेशनल कम्पनियों के द्वारा किया जा रहा है, परन्तु ऑनलाइन फूड सप्लाई के डिलीवरी करने वाले व्यक्तियों के पास फूड लाइसेंस नहीं है।सभी ऑनलाइन व फूड चेन सप्लाई डिलीवरी करने वाले व्यक्यिों के रजिस्टैªशन व लाइसेंस बनवाये जाए
जिला उपाध्यक्ष दीपक वर्मा ने कही कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा मल्टी नेशनल कम्पनी व फूड सप्लाई चेन के डिलीवरी होने वाले सामानों की सैम्पलिंग नहीं की जा रही है। ऑनलाइन फूड सप्लाई चेन की सैम्पलिंग भी नियमानुसार की जाये, जिससे आम जनता को सही सामान मिलना सुनिश्चित हो सके।
जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार नानक ने कहा कि प्रत्येक जिले में अनकों रजिस्टेªशन अधिकारी हैं, जिन्हें फील्ड का काम भी करना होता है। अतः आपसे अनुरोध है कि प्रत्येक जिले में एक ही रजिस्टेªशन अर्थोरिटी नियुक्त करने की कृपा करंे। रजिस्टेªशन अधिकारी को फील्ड का कार्य न दिया जाए।
नगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा सैम्पिल लेते समय रिटेल के व्यापारियों को लिये गये सामान का भुगतान नहीं किया जा रहा है व फार्म 5ए भरकर मौके पर नहीं दिया जाता है, जिससे व्यापारी का उत्पीड़न हो रहा है। अतः आपसे अनुरोध है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये जाऐं कि सैम्पिल भरे जाते समय फार्म-5 पूरी तरह से भरकर व्यापारी को मौके पर उपलब्ध कराऐं तथा सैम्पिल के लिए प्राप्त किये गये सामान का भुगतान व्यापारी को करना सुनिश्चित करें।
नगर महामंत्री संजय रस्तोगी ने कहा कि सैम्पलिंग के समय व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों को मौके पर बुलाया जाए, जिससे सही प्रकार सैम्पलिंग की कार्यवाही पूर्ण हो सके तथा व्यापारी का उत्पीड़न न हो सके तथा व्यापारी से विभाग के बिचौलियों द्वारा किसी भी प्रकार की अवैध वसूली न हो सके।
नगर कोषाध्यक्ष सौरभ गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा प्रत्येक खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सैम्पिलिंग के लिए 25 सैम्पिल का टारगेट दिया गया है। टारगेट की आड़ में व्यापारी का उत्पीड़न हो रहा है। सैम्पलिंग की व्यवस्था मिलावट की पुख्ता जानकारी होने पर सैम्पिल लेने की व्यवस्था की जाए। सर्विसलांस सैम्पिल की व्यवस्था तुरन्त समाप्त की जाए।
प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन अग्रवाल ने कहा कि फर्जी शिकायतों के आधार पर की जा रही सैम्पलिंग बन्द की जाए। शिकायतकर्ता की सत्यता की जांच व मिलावट के पुख्ता सबूत होने पर ही सैम्पलिंग की जाए, जिससे व्यापारी उत्पीड़न व भ्रष्टाचार पर रोक लगाया जाए।
नगर चेयरमैन दिनेश गुप्ता थापा ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों में केन्द्रीय लाइसेंस होने पर केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी व प्रान्तीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी दोनों विभागों द्वारा अलग-अलग जॉच, सर्वे सैम्पलिंग के अधिकार दिए गए हैं, एक देश एक कानून एक अधिकारी एक दफ्तर की व्यवस्था को लागू किया जाए।
जिला उपाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह लाम्बा ने कहा कि खेती में कीटनाशक व रासायनिक खाद डालने का मानक तय नहीं है। अंधाधुंध कीटनाशक व रासायनिक खादों का प्रयोग खेती में किया जा रहा है जिससे हमारे यहॉ के खेती से प्राप्त होने वाले खाद्ययान में रासायन व कीटनाशक भारी मात्रा में पाए खाद्यय सुरक्षा मानक अधिनियम के मानकों में बदलाव नहीं किया गया है। वर्तमान परिस्थिति के अनुसार खाद्यय पदार्थों के मानक तय किये जायें तथा कृषि विभाग को खेती में प्रयोग होने वाले कीटनाशक व रासायनिक खाद के मानक तय होने व्यापारियों के सैम्पिल न भरे जाएं।
नगर उपाध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि निर्माताओं से ऑनलाइन सालाना व छमाही रिटर्न मॉगी जा रही है। निर्धारित समय पर जमा न करने पर रू0 100 प्रतिदिन लेट फीस लगाई जा रही है, जिन व्यापारियों की पूर्व में रिटर्न जमा नहीं है, उन पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। 5 करोड़ तक टर्न ओवर वाले निर्माताओं से ऑनलाइन सालाना व छमाही रिटर्न की व्यवस्था समाप्त की जाय
जिला मंत्री जावेद खान ने कहा कि खाद्यय सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में निर्माताओं से प्रत्येक छः माह में खाद्यय पदार्थों की जांच एन.ए.बी.एल. लैब से कराकर जांच रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड़ कराई जा रही हैं। एन.ए.बी.एल. लैब सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। एन.ए.बी.एल. लैब से जांच रिपोर्ट अपलोड़ होने के बाद भी खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा सैम्पलिंग की जा रही है। दोहरी व्यवस्था लागू होने से व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ रहा है।
राजीव कश्यप ने कहा कि खाद्यय सुरक्षा व मानक अधिनियम में अपीलों की सुनवाई के लिए जिला जज को अधिकृत किया गया है, जिससे अपीलकर्ता को न्याय मिलने में अधिक समय लगता है। खाद्यय सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 की धारा-70 के अनुसार खाद्यय सुरक्षा अपील अभिकरण की स्थापना की जाये, जिसमें सिर्फ खाद्यय सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की सुनवाई हो।
इस मौके विपिन अग्रवाल ,पवन जैन, अवधेश वर्मा,नरेश शंखधार, दीपक वर्मा, रूपेंद्र सिंह लाम्बा, दीपक सक्सेना, राजेश गुप्ता, संजय रस्तोगी, संजय शर्मा, सर्वत्र हामिद खान, जावेद खान, सौरभ गुप्ता, साहिल , सलिम,सगीर अहमद, संदीप शर्मा,फखरे आलम,आदि सैकड़ों व्यापारी मौजूद रहे




